- विशाखापट्टनम में एलजी पॉलीमर्स से गैस लीक होने से 12 लोगों की मौत हो गई थी
- सीएम जीएम रेड्डी ने कहा- मंत्रियों को गांव में रात बिताने के निर्देश दिए हैं
दैनिक भास्कर
May 11, 2020, 11:56 PM IST
विशाखापट्टनम. आंध्र प्रदेश सरकार के चार मंत्री विशाखापट्टनम के उन पांच गांवों में रात बिताएंगे जो गैस लीक हादसे में प्रभावित हुए थे। ऐसा करने की वजह गांव वालों को भरोसा दिलाना है कि गांव अब सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंत्रियों को गांवों में सोमवार रात बिताने के लिए कहा था। विशाखापट्टनम जिले के इंचार्ज कृषि मंत्री के कन्नाबाबू ने कहा कि वे अधिकारियों के साथ रात गुजारेंगे और व्यवस्था को सामान्य बनाने में मदद करेंगे।
बीते गुरुवार विशाखापट्टनम के वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलीमर्स से गैस लीक होने से 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से यहां आसपास के पांच गांवों को खाली करवा लिया गया था।
सोमवार से गांव वालों को लौटने की अनुमति दे दी गई
अब लोगों को भरोसा नहीं हो रहा कि घर वापस जाना सुरक्षित है या नहीं, इसलिए मंत्रियों ने गांव वालों का भरोसा जीतने के लिए यह कदम उठाया है। कृषि मंत्री के. कन्नाबाबू ने कहा कि समस्या को पूरी तरह ठीक कर लिया गया है। गांव वालों को सोमवार से वापस लौटने की अनुमति दे दी गई है।
इसी बीच, सीएमओ (चीफ मेडिकल ऑफिसर) ने कहा है कि 13 हजार टन स्टाइरीन गैस साउथ कोरिया को वापस भेजी जा रही है। सिविक स्टाफ ने पूरे क्षेत्र को सैनिटाइज किया है। स्थानीय लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
8 मृतकों के परिवार वालों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया
कन्नाबाबू ने सोमवार को तीन मंत्रियों के साथ त्रासदी में मारे गए 12 लोगों में से आठ लोगों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया। बचे लोगों को भी जल्द मुआवजा दिया जाएगा। अस्पताल में भर्ती ऐसे लोग जिन्हें गंभीर नुकसान पहुंचा है, उन्हें 10 लाख रु. कम गंभीर लोगों को एक लाख रु. का मुआवजा मिलेगा। अस्पताल का खर्चा सरकार ही उठाएगी। इसके साथ ही फैक्ट्री के आस-पास के गांवों के रहने वाले परिवार को 10 हजार रुपये दिए जाएंगे।
चंद्रबाबू नायडू पर लगाया आरोप
शहरी विकास मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने कहा कि 2017 में चंद्रबाबू नायडू के मुख्यमंत्री काल के दौरान टीडीपी सरकार ने एलजी पॉलिमर्स के विस्तार को हरी झंडी दी थी, जबकि वह जानते थे कि इस क्षेत्र में लोग रहते हैं। इसके बाद 2018 में नायडू ने दोबारा से कंपनी को विस्तार की अनुमति दी। उन्होंने बताया कि प्लांट 40 दिन से बंद था, इसी दौरान टैंक में केमिकल रिएक्शन हुआ। उन्होंने कहा कि सभी पब्लिक स्पेस को सैनिटाइज किया गया है। गांववालों को सैनिटाइजेशन भी दिया जाएगा।
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