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तलाक के 3 साल बाद फिर ‘मन बंधन’, सास ने की बहू को मनाने की पहल, घर पर धरना तक दिया


  • 2012 में हुई थी शादी, 2017 में तलाक, रविवार को फिर सात जन्मों के लिए एक
  • मामला सिंधी कॉलोनी का है। दंपती का विवाह जनवरी 2012 में हुआ था

वंदना श्रोती

May 11, 2020, 06:02 AM IST

भोपाल. कोरोना ने पूरी दुनिया में अब तक न जाने कितने घर उजाड़े हैं, लेकिन भोपाल में इसके कारण एक टूटा हुआ रिश्ता फिर जुड़ गया है। तीन साल पहले तलाक ले चुके पति-पत्नी के बीच पुराने गठबंधन को जिंदा करने पर मन बंधन हो गया। इस बार पहल सास ने की और बहू को समझाया कि कोरोना के चलते न जाने कब क्या हो जाए, आकर बेटे को संभाल लो। बहू और उसके माता-पिता को मनाने के लिए उनके घर पर धरना तक दिया। इसके बाद बहू भी नहीं रुक पाई और रिश्ता फिर जिंदा हो गया। दोनों की सात साल की एक बेटी है। फैसले से सबसे ज्यादा खुश वही है।

मामला सिंधी कॉलोनी का है। दंपती का विवाह जनवरी 2012 में हुआ था। एक साल बाद दोनों के यहां बेटी ने जन्म लिया। व्यवसाय की व्यस्तता के चलते व्यापारी पत्नी को समय नहीं दे पाता था। दोनों के बीच मां का भी दखल था। इस वजह से उनके बीच अक्सर विवाद होने लगे। मारपीट की नौबत आने लगी। युवती विवाद के बाद मायके चली जाती थी। दोनों के साथ उनके परिवारों में इतनी कड़वाहट आ गई कि साथ रहना मुश्किल हो गया। अदालत ने दोनों को साथ रखने के लिए तीन बार काउंसिल भी कराई। कोर्ट के मीडिएशन के बाद भी वे साथ रहने को तैयार नहीं हुए। फरवरी 2017 उनका तलाक हो गया। उस वक्त बेटी चार साल की थी। इस बीच पिता को बेटी से मिलने का मौका भी नहीं मिल पाया।

सास की बात सुन रो पड़ी बहू, परिवार वाले भी माने, दोबारा की शादी 

लॉक डाउन में मां नहीं देख पाई बेटे की दशा
लॉक डाउन हुआ तो बेटा घर रहने लगा। वह हमेशा कमरे में अकेला रहता और पुरानी यादों में खोया रहता। वह केवल खाने के लिए कमरे से बाहर निकलता। बाकी समय शादी और बेटी के जन्म के बाद के फोटो एल्बम, वीडियो ही देखता रहता। मां यह बर्दाश्त नहीं कर पाई। बेटे काे डिप्रेशन में देख मां ने उसी काउंसलर का नंबर खोज निकाला, जिसने तलाक के दौरान काउंसलिंग की थी।

काउंसलर ने कहा कि यदि बेटे की पूर्व पत्नी ने कहीं शादी नहीं की है तो दोनों का रिश्ता फिर जुड़ सकता है। इसके बाद मां ने बहू को मनाने के प्रयास किए। काउंसलर से जानकारी लेने के बाद सास बहू और पोती को मनाने के लिए उनके घर पहुंच गई। उसने हर बात के लिए माफी मांगी। बाहर धरना तक दिया और कहा- यदि कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी मृत्यु हो जाती है तो बेटे को कौन संभालेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि तुमने भी दोबारा शादी शायद इसलिए नहीं की तुम भी बेटे को चाहती हो। इसके बाद महिला रो पड़ी। छह दिन के प्रयास के बाद आखिरकार महिला के परिजन भी मान गए और रविवार को दोनों की शादी हो गई और सादगी से बहू और पोती का गृहप्रवेश हुआ।

बेटी को माता-पिता मिल गए
सरिता राजानी, काउंसलर फैमिली कोर्ट के मुताबिक, तीन साल पहले तलाक रोकने के लिए काउंसलिंग की थी। हालांकि, उसके बाद भी उनका रिश्ता टूट गया था। पुरुष की मां ने मुझसे संपर्क किया। मैंने कानूनी जानकारी देने के साथ दोनों परिवार की फिर काउंसलिंग की। कोरोना के कारण हुए लॉक डाउन ने परिवार को फिर से बसा  दिया। एक बेटी को माता-पिता दोनों मिल गए।



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