चटपट्टी खबरे

शहर हाई रिस्क कैटेगरी में, इसलिए टोटल लॉकडाउन: कोरोना से ज्यादा पुलिस का डर, सायरन सुनते ही लोग घरों में घुसे


  • इंदौर में 6 इलाके सील, पुलिस की मदद के लिए 25 प्राइवेट सिक्युरिटी एजेंसियों ने भी गार्ड तैनात किए
  • खजराना जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात पुलिस के जवानों को हेल्थ वर्कर्स हल्दी का काढ़ा दे रहे

दैनिक भास्कर

Mar 30, 2020, 04:09 PM IST

इंदौर. कोराेना के 32 मरीज इंदौर में भर्ती हैं। शहर हाई रिस्क कैटेगरी में पहुंच चुका है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए प्रशासन ने पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है। रानीपुरा, खजराना, चंदन नगर समेत 6 इलाके पूरी तरह से सील हैं। जो जहां है, वहीं रहेगा। इन्हीं इलाकों में सबसे ज्यादा संक्रमित मिले हैं। सोमवार को टोटल लॉकडाउन के दौरान पेट्रोल, दूध, सब्जी, किराना, दवा समेत सभी जरूरी सामानों की दुकानों पर ताला लग गया। पुलिस सड़कों पर दिखने वाले लोगों की डंडों से पिटाई करने लगी। हालात ऐसे हो गए कि मोहल्लों में पुलिस का सायरन सुनते ही बाहर झांक रहे लोग घर के अंदर घुस गए। सुबह से दूध को लेकर लोगों को परेशानी हुई। लोगों का कहना था कि हमें पता नहीं था कि दूध भी मिलना बंद हो जाएगा। एक मां 2 साल की बच्ची को लेकर दूध के लिए भटकती देखी गई। दैनिक भास्कर के 8 रिपोर्टर्स ने इंदौर में देश के सबसे सख्त लॉकडाउन के पहले दिन का 18 इलाकों में जाकर जायजा लिया।

1. दो सबसे संवेदनशील इलाकों खजराना और रानीपुरा से सुमित ठक्कर की रिपोर्ट
संवेदनशील क्षेत्र घोषित हो चुके खजराना में दोपहर 12 बजे आईजी विवेक शर्मा स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ पहुंचे। आज सबसे पहले यहां ड्यूटी पर तैनात जवानों को स्पेशल किट मुहैया करवाई और साथ में उन्हें गला गर्म करने के लिए हल्दी का काढ़ा दिया। गर्म चाय लगातार पीने के इंतजाम करवाए गए। आईजी ने बताया कि पुलिस के कई जवान संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं और जनता की हिफाजत के लिए उन्हें घरों से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। ऐसे में जवानों की भी सुरक्षा हमारे लिए अहम है। इनका समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग की टीम से चेकअप करवाया जा रहा है। पुलिस की मदद करने के लिए शहर की 25 सुरक्षा एजेंसियों के संचालकों ने भी अपने सुरक्षा गार्ड मुहैया करवाए हैं। आईजी ने रानीपुरा का दौरा किया, वहां घरों से बाहर निकले लोगों की फोटो ड्रोन से देखकर उन्हें घरों के अंदर करवाया। इसी इलाके में रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम से बदसलूकी हुई थी।

2. बैराठी कॉलोनी से दीपेश शर्मा की रिपोर्ट
टोटल लॉकडाउन के पहले दिन दूध और सब्जी भी नहीं मिलेगी, इस फैसले की खबर रविवार शाम को जब तक लोगों के बीच पहुंचती, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सोमवार सुबह बैराठी कॉलोनी में लोग कर्फ्यू के बाद भी गाड़ियों से घूमते रहे। उसके पीछे सिर्फ एक कारण था- बच्चों के लिए दूध। रमेश मोटवानी ने बताया कि हमें तो पता ही नहीं चला। अखबार आ नहीं रहे, दुकानें बंद हैं। घर में 3 छोटे बच्चे हैं। जितना दूध था, वह खत्म हो गया। पुलिस रोक रही है, लेकिन क्या करें? डंडे खा लेंगे, बच्चों को रोते कैसे देखें? ऐसा था तो पहले ही बता देना था, हम स्टॉक कर लेते। मोदीजी ने तो कहा था कि जरूरी वस्तुओं पर कोई रोक नहीं होगी। अब यह कैसे हो गया? प्रशासन को इस बारे में सोचना चाहिए। हमारे यहां तो दूध पाउडर भी नहीं है।

3. संगम नगर, अर्चना नगर, रामबली नगर से विश्वनाथ सिंह की रिपोर्ट
टोटल लॉकडाउन में इन तीनों इलाकों में सुबह 7 बजे किराना और दूध की कुछ दुकानें खुल गईं। जब पुलिस को पता चला तो अनाउंसमेंट करके बंद करवाया। हालांकि, उसके बाद भी दोपहर तक सड़कों पर लोगों का आनाजाना रहा। सुबह कॉलोनी में जब निगम की कचरा गाड़ी आई तो माइक से बोला गया कि आज से नई व्यवस्था लागू हो गई है। इसमें हेल्पर कचरा नहीं डालेंगे। रहवासियों को ही अपना कचरा खुद आकर गाड़ी में डालना होगा। यह सुनकर सब हैरान रह गए। उन्होंने निगम के कर्मचारियों से इसे लेकर सवाल भी किए। कर्मचारियों का कहना था कि हमें जो आदेश मिले हैं, उसका पालन कर रहे हैं। ये भी अनाउंसमेंट किया कि कोई भी रहवासी कचरा डालने के दौरान मास्क पहनकर ही बाहर आएं। वरना कचरा नहीं डालने दिया जाएगा। कर्मचारियों ने कई बार लोगों को मास्क पहनने को लेकर समझाइश भी दी। जो लोग सड़क पर घूमते दिखे, उन्हें घर लौटने काे कहा। कचरा वाहन से यह भी अनाउंसमेंट किया जा रहा था कि शहर में धारा 144 लागू है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकले, वरना कार्रवाई होगी।

संगम नगर में सड़कें खाली नजर आईं।

4. छावनी, मूसाखेड़ी और मयूर नगर से दिनेश जोशी की रिपोर्ट
छावनी, मूसाखेड़ी और मयूर नगर इलाके में लोग समझाइश के बाद भी घरों से बाहर निकल रहे थे। ऐसे में पुलिस ने नया और स्मार्ट तरीका अपनाया। यहां पुलिस ने सड़क पर अपनी जीप खड़ी कर दी। अंदर कोई जवान नहीं था, लेकिन बाहर निकलने वाले दूर से ही पुलिस की गाड़ी देखकर लौटने लगे। पूर्वी रिंग रोड पर पुलिस मूसाखेड़ी चौराहे पर खड़ी थी, लेकिन आसपास की गलियों के बाहर गाड़ियां लगा रखी थीं। कोई गली से बाहर निकलने की जुर्रत भी करता, तो गाड़ी देखकर लौट जाता। स्टाफ की कमी से जूझ रही पुलिस का यह तरीका बेहद कारगर साबित होता दिखा। दोपहर में मूसाखेड़ी चौराहे पर 10 जवान ड्यूटी दे रहे थे, लेकिन पास की गलियों से लोग बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। कोई पैदल ही मुख्य सड़क तक आ रहा था तो कोई बाइक से निकल रहा था। लेकिन दोनों सड़कों पर खड़ी पुलिस जीप देखकर वापस लौट जा रहा था। चौराहों तक बेवजह पंहुचने वालों को पुलिस के जवान या तो डंडों से जवाब दे रहे थे या लौटा रहे थे।

लोग घरों से बाहर न निकलें, इसलिए पुलिस ने सड़क पर अपने खाली वाहन छोड़ दिए।

5. दशहरा मैदान से धनवंतरी नगर की गलियों से राहुल दुबे की रिपोर्ट
दशहरा मैदान से लेकर धनवंतरी नगर की गलियों तक में सख्त लाॅकडाउन का असर दिखा। इस क्षेत्र में लोग खुद ही पालन करते दिखे। आज नर्मदा से पानी सप्लाई का दिन था। हर जगह केवल पानी की मोटर चलने की आवाज आई। इक्का-दुक्का मेडिकल स्टोर खुले, लेकिन पुलिस बाहर घूमने वालों को खुली जेल में भेज देगी, इस डर से लोग भी मेडिकल स्टोर तक नहीं आए। सुबह 6 बजे कुछ लोग सांची पाॅइंट या डेयरी तक यह देखने के लिए आए कि शायद दुकान खुली हो, लेकिन दूर से दुकान बंद दिखी तो तेजी से उलटे पैर लौट गए। सिर्फ चाणक्यपुरी चौराहे पर एक महिला पुलिसकर्मी बैठी दिखी। सन्नाटा है तो दूर से ही गाड़ी की आवाज आई। महिला पुलिसकर्मी केवल उठकर खड़ी हुई और गाड़ी वालों ने अपनी दिशा बदल ली। चौराहे पर ही हनुमान, शनिदेव और गणेेशजी का मंदिर है। कुछ लोग बाहर से ही दर्शन करने की आस लिए आए, लेकिन पुलिस देखकर लौट गए।

6. चंदन नगर से चाणक्यपुरी चौराहे तक राघवेंद्र बाबा की रिपोर्ट
सोमवार सुबह 6 बजे से पुलिस ने लोगों की आवाजाही रोक दी। ऐसे में न तो दूध की दुकान खुलीं, न सब्जियों के ठेले लगे और न मंडी खुली। चंदन नगर से लेकर चाणक्यपुरी चौराहे तक पुलिस, स्वास्थ विभाग और कर्मियों के अलावा सड़क पर कोई नहीं था। चारों तरफ सन्नाटा पसरा था। लोग एहतियात बरत रहे थे। यह माना जा सकता है कि प्रशासन अगर सख्त हो तो ही सख्ती होती है। रविवार तक यहां लोगों का आना-जाना था। इस इलाके में महिला कांति वर्मा दूध के लिए परेशान दिखीं। उनकी गोद में 2 साल की बच्ची थी। कांति का कहना था कि बच्ची दूध के लिए रो रही। लेकिन दूध की दुकानें बंद हैं। पड़ोसी भी घर से नहीं निकल रहे।

चंदन नगर में एक महिला 2 साल की बच्ची के लिए दूध की तलाश में भटकती रही।

7. अन्नपूर्णा इलाके से प्रणय चौहान की रिपोर्ट
शहर में कर्फ्यू लगा है, लेकिन लोग दवाइयां लेने के लिए घरों से निकलते रहे। चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिस की गाड़ियों को देखकर रुक गए। पुलिस ने उनसे घर से निकलने का कारण पूछा। जब लोगों ने कारण बताया तो पुलिस ने उनसे दवा की पर्ची मांग ली। पर्ची नहीं दिखाने पर गाड़ी में बैठा लिया। अचल सिंह बताते हैं कि दादी की तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए दवा लेने के लिए निकला था। पुलिस ने अन्नपूर्णा पर रोका तो पर्ची दिखानी पड़ी।

8. बड़ा गणपति चौराहे से गौरव शर्मा की रिपोर्ट
बड़ा गणपति चौराहे से जहां नजर दौड़ी, उस चौराहे से जाने वाली सभी सड़कें सूनी दिखीं। कहीं कोई आवाजाही नहीं। एमजी रोड की तरफ जाने वाली सड़क पर भी पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए। सुभाष मार्ग की ओर जाने वाले रोड पर एक ऑटो आया, पुलिस ने रोका और पूछा- मना किया ना, समझ नहीं आता? ऑटो वाले ने बताया- इसमें सवारी है, तबीयत ठीक नहीं है। अस्पताल दिखाने जा रहे हैं। पूछताछ के बाद पुलिस ने जाने दिया। एमजी रोड से मल्हारगंज, दलियापट्टी की तरफ सारी दुकानें बंद थीं। मल्हारगंज निवासी आशीष अग्रवाल ने बताया- ये वही दुकानें हैं, जहां कल तक लोगों की भीड़ उमड़ती थी। सामान को लेकर विवाद-मारपीट तक होती थी। बहरहाल, जिंसी जाने वाली रोड पर भी सिर्फ पुलिस की गाड़ी और निगम के वाहनों का मूवमेंट था। पुलिस की गाड़ी से लगातार अनाउंसमेंट हो रहा था, सड़क पर ना निकलें। एक घर के बाहर लोग आए, पुलिस ने उन्हें भी अंदर जाने को कहा। जिंसी चौराहे से लेकर सुभाष मार्ग, शंकरगंज, किला मैदान क्षेत्र का चप्पा-चप्पा बंद नजर आया। संगमनगर, स्कीम-51 में कुछ वाहनों की आवाजाही जरूर चलती रही लेकिन ये काफी कम थी। पुलिस पेट्रोलिंग भी लगातार जारी थी। क्षेत्र में लोग दूध और किराने के लिए  नजदीकी किराना दुकान पर गए लेकिन संचालक गोवर्धन रामनानी ने दुकान खोलने से साफ मना कर दिया। कहा- सख्ती बहुत ज्यादा है। सख्ती से भी ज्यादा अभी हम सभी को सुरक्षित रहना है।

9. बियाबानी और धार रोड से अमित सालगट की रिपोर्ट
शहर के बियाबानी इलाके में सन्नाटा रहा। इक्का-दुक्का लोग ही रोड पर नजर आए, वह भी नगर निगम या बाकी विभागों के कर्मचारी थे। बियाबानी मेन रोड, धार रोड समेत अन्य जगहों पर भी कुछ इसी तरह का सन्नाटा रहा। रोड पर कुछ स्थानों पर बैरिकेड लगा रखे थे, लेकिन पुलिस नजर नहीं आई। यहां सभी लोग घरों में रहे। कुछ लोग रोड पर आवाजाही कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका और जाने का कारण पूछा। जवाब नहीं मिलने पर पुलिस ने कुछ लोगों को लाठियों से भी पीटा। इसके बाद वे लोग घर की तरफ लौट गए।

10. स्कीम 94 सेक्टर सी-डी से संजय गुप्ता की रिपोर्ट 
स्कीम 94 सेक्टर सी-डी से खजराना क्षेत्र से सटा हुआ है। यहां पर सख्ती देखी गई। इसकी वजह है कि खजराना के पीछे कुछ पॉजिटिव मरीज मिले। सुबह एमआर 9 चौराहे से आगे की श्रीराम कॉलोनी में भी सुबह 3 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हो गई। इसके बाद से पुलिस की नाकाबंदी तेज हो गई। कुछ पुलिस वालों ने बताया कि जिन मरीजों में कोरोना पॉजिटिव था, उनके कुछ रिश्तेदारों को भी कोरोना की जांच के लिए सुबह एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। सांवरिया नगर स्कीम 94 जैसे कुछ इलाकों में कॉलोनी वालों ने अपनी गाड़ियां लगा दीं ताकि कोई भी वहां से आना जाना नहीं कर सके।



Source link