खराब फास्टैग वाले वाहनों से वसूला जाएगा दोगुना टोल टैक्स, सड़क परिवहन मंत्रालय ने बदला कानून
- अभी तक गलत लेन में घुसने पर लगता था दोगुना टोल टैक्स
- मई की शुरुआत तक पूरे देश में 1.68 करोड़ फास्टैग जारी हुए
- 15 दिसंबर 2019 से सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है फास्टैग
दैनिक भास्कर
May 18, 2020, 09:36 AM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने फास्टैग से जुड़े एक नियम में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने कहा है कि अब अवैध या खराब फास्टैग वाले वाहनों से नेशनल हाईवे पर दोगुना टोल टैक्स वसूला जाएगा। इससे पहले केवल ऐसे वाहनों से दोगुना टोल टैक्स वसूला जाता था जो फास्टैग कार्ड के बिना फास्टैग वाली लाइन में घुस जाते थे।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
टोल टैक्स वसूली से जुड़े नियम में हुए बदलाव को लेकर सड़क परिवहन मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यदि कोई वाहन बिना फास्टैग या खराब फास्टैग के साथ फास्टैग लाइन में घुसेगा तो उसे दोगुना टोल टैक्स देना होगा। केंद्र सरकार ने नेशनल हाईवे फी रूल्स के तहत किया है।
मई की शुरुआत तक 1.68 करोड़ फास्टैग जारी
केंद्र सरकार ने टोल प्लाजा पर आवागमन को सुगम बनाने और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 15 दिसंबर 2019 से सभी वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है। एक अनुमान के मुताबिक मई 2020 की शुरुआत तक पूरे देश में करीब 1.68 करोड़ फास्टैग जारी हो चुके हैं।
फास्टैग से अपने आप हो जाता है टोल टैक्स का भुगतान
रेडियो फ्रीक्वेंस आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक पर काम करने वाला फास्टैग प्रीपेड या यूजर के बचत खाते से जुड़ा होता है जो नेशनल हाईवे पर अपने आप टोल का भुगतान कर देता है। यह फास्टैग वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा होता है। इसके जरिए मानव संपर्क में आए बिना टोल टैक्स का भुगतान हो जाता है।
क्रेडिट कार्ड, यूपीआई से लिंक कर सकते हैं फास्टैग
नेशनल हाईवे पर टोल भुगतान के लिए वाहनों पर लगाये जाने वाले फास्टैग को क्रेडिट कार्ड और यूपीआई से भी लिंक किया जा सकता है। जनवरी 2020 में आरबीआई ने इसको मंजूरी दी थी। इससे पहले केवल बैंक खातों और प्रीपेड माध्यमों से फास्टैग को लिंक करने की अनुमति थी। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन इन प्लेटफार्मों के ऑपरेटरों से प्राप्त अनुरोधों को स्वीकृति देगा और उन्हें फास्टैग से लिंक करने की सुविधा प्रदान करेगा।
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