ज्येष्ठ महीना 8 मई से 5 जून तक, महाभारत के अनुसार इस महीने दिन में एक बार करना चाहिए भोजन
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ज्येष्ठ में करना चाहिए जल का दान इस महीने के आखिरी दिन, पूर्णिमा पर रहेगा साल का पहला चंद्रग्रहण
दैनिक भास्कर
May 09, 2020, 07:11 PM IST
8 मई से ज्येष्ठ महीना शुरू हो गया है। जो कि 5 जून को पूर्णिमा के साथ खत्म होगा। इस महीने के आखिरी दिन साल का पहला चंद्रग्रहण भी रहेगा। ग्रंथों के अनुसार इस महीने में स्नान, तिल और जल दान के साथ ही एक समय भोजन करना चाहिए। इस महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों के अनुसार जल और पेड़ पौधों की पूजा भी करनी चाहिए। ऋषि-मुनियों ने पर्यावरण की रक्षा को देखते हुए इस महीने के व्रत त्योहारों की व्यवस्था की गई थी।
कैसे पड़ा महीने का नाम ज्येष्ठ
ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये साल का तीसरा महीना होता है। इस महीने का स्वामी मंगल होता है। इसके आखिरी दिन पूर्णिमा तिथि के साथ ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बनता है। इसलिए इस महीने को ज्येष्ठ कहा जाता है। प्राचीन काल गणना के अनुसार इस महीने में दिन बड़े होते हैं और इसे अन्य महीनों से बड़ा माना गया है। जिसे संस्कृत में ज्येष्ठ कहा जाता है। इसलिए इसका नाम ज्येष्ठ हुआ।
ज्येष्ठ माह में क्या करें और क्या नहीं?
- ग्रंथों के अनुसार इस महीने में दिन में सोने की मनाही है। शरीरिक परेशानी या अन्य समस्या हो तो एक मुहूर्त तक यानी करीब 48 मिनिट तक सो सकते हैं।
- सूर्योदय से पहले स्नान और पूरे महीने जल दान करना चाहिए। इसके साथ ही इस महीने जल व्यर्थ करने से वरुण दोष लगता है इसलिए फालतू पानी बहाने से बचना चाहिए।
- इस महीने में बैंगन नहीं खाया जाता। इससे संतान को कष्ट मिलता है। आयुर्वेद के अनुसार इससे शरीर में वात रोग और गर्मी बढ़ती है। इसलिए पूरे महीने बैंगन खाने से बचना चाहिए।
- महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है-“ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।।” यानी ज्येष्ठ महीने में जो व्यक्ति एक समय भोजन करता है वह धनवान होता है। इसलिए संभव हो तो इन दिनों में एक समय भोजन करना चाहिए।
- इस महीने में तिल का दान करना बहुत ही फलदायी माना गया है। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और स्वास्थ्य सुख भी मिलता है।
- ज्येष्ठ महीने का स्वामी मंगल है। इसलिए इन दिनों में हनुमानजी की पूजा का भी बहुत महत्व है। इस महीने हनुमानजी की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं।
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