एक हजार बस चलाने की प्रियंका गांधी की पेशकश को योगी सरकार ने किया स्वीकार, कहा- बसों, ड्राइवर-कंडक्टर की लिस्ट दें; प्रियंका बोलीं- धन्यवाद


  • अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने पत्र जारी कर दी जानकारी
  • पलायन कर यूपी लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए बसें चलाना चाहती है कांग्रेस

दैनिक भास्कर

May 18, 2020, 07:05 PM IST

लखनऊ. लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों से पलायन कर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा एक हजार बस चलाने की पेशकश को योगी सरकार ने स्वीकार लिया है। प्रियंका गांधी ने 16 मई को पत्र लिखा था। सोमवार को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने पत्र जारी कर प्रियंका की पेशकश को स्वीकार करने की जानकारी दी। यह भी कहा- बसों की सूची, ड्राइवर-कंडक्टर के नाम और अन्य विवरण उपलब्ध कराएं, जिससे बसों का उपयोग प्रवासी श्रमिकों की सेवा में किया जा सके।

सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद प्रियंका ने ट्वीट करके धन्यवाद कहा-

रविवार को मथुरा जिले में राजस्थान बॉर्डर पर कांग्रेस की ओर से 500 बसें खड़ी कर दी गई थीं। यहां यूपी कांग्रेस के सह-प्रभारी जुबेर बेग और पूर्व विधायक प्रदीप माथुर बसों के साथ मौजूद थे। सभी ने मथुरा पुलिस और शासन से इन बसों को यूपी में प्रवासी श्रमिकों के लिए चलाने की अनुमति मांगी थी। लेकिन, प्रशासन ने उन्हें प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी।

प्रियंका ने ट्वीट करके सरकार को घेरा था

प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा था- हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए पीये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं। वो धूप में पैदल चल रहे हैं, आज वो घंटों खड़े रखे जा रहे हैं। उन्हें अंदर आने नहीं दिया जा रहा। उनके पास पिछले 50 दिनों से कोई काम नहीं है। जीविका ठप पड़ी है। हम जो भी योजनाएं बना रहे हैं, उनमें उनके लिए कुछ सोचा ही नहीं जा रहा। मजदूरों को घर भिजवाने के लिए कोरी घोषणाएं और ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा। ज्यादा ट्रेनें चलाइए, बसें चलाइए। हमने 1000 बसों की परमिशन मांगी है हमें सेवा करने दीजिए।

सीएम कार्यालय के प्रियंका से सवाल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यालय की तरफ से प्रियंका गांधी पर प्रवासी श्रमिकों की मददगार बनने का स्वांग रचने का आरोप लगाया है। मजदूरों की तरफ से प्रियंका से सवाल पूछा गया- प्रियंका गांधी कहती हैं कि उनके पास 1000 बसें हैं। यह और बात है कि अब तक इन बसों की सूची तक उपलब्ध नहीं कराई गई। बसों और हमारे साथियों की सूची उपलब्ध करा दी जाए, जिससे उनके कार्य टि्वटर नहीं धरातल पर दिखें। वहीं, देशभर में जितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही है, उनमें से आधी से ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश ही आईं है। अगर प्रियंका वाड्रा को हमारी इतनी ही चिंता है तो वो हमारे बाकी साथियों को भी ट्रेनों से ही सुरक्षित भेजने का इंतजाम कांग्रेस शासित राज्यों से क्यों नहीं करा रहीं?





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