कफन को मां का आंचल समझ खेलते मासूम के वीडियो पर हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा- ऐसा क्यों हुआ?


  • कोर्ट ने राज्य सरकार को इस घटना का पूरा ब्यौरा हलफनामा दाखिल कर अगली सुनवाई में देने के निर्देश दिए हैं
  • इस मामले में एडवोकेट आशीष गिरी कोर्ट मित्र नियुक्त, अगली सुनवाई 3 जून को होगी

दैनिक भास्कर

May 28, 2020, 10:41 PM IST

पटना. पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर कफन को मां का आंचल समझ खेल रहे बच्चे का वीडियो वायरल होने पर नोटिस लिया है। कोर्ट ने केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है कि आखिर ऐसी घटना क्यों हुई?। 

चीफ जस्टिस संजय करोल एवं जस्टिस एस. कुमार की खंडपीठ गुरुवार सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर एक अन्य मामले की सुनवाई कर रही थी। उसी समय न्यायमूर्ति एस. कुमार ने चीफ जस्टिस का ध्यान इस खबर की ओर कराया।

खंडपीठ ने उस वीडियो को “दुर्भाग्यपूर्ण और सदमा देने वाला” बताया और इस मामले में केंद्र सरकार, भारतीय रेल, बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव व अन्य को पक्षकार बनाया। इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को गुरुवार दोपहर सवा दो बजे कुछ सवालों के जवाब देने का आदेश दिया। 

ये वीडियो हुआ था वायरल

कोर्ट के सवाल 
1. उस महिला की मौत वाकई भूख के कारण हुई या किसी अन्य वजह से? 
2. मृत महिला का पोस्टमार्टम कराया गया था, या नहीं?  
3. मृतक महिला अपने बच्चे के साथ अकेले सूरत से आ रही थी या उसके साथ उसके कोई परिवार वाला था? 
4. उसके मौत की जानकारी के बाद पुलिस व अन्य महकमे ने फौरन क्या कदम उठाए? उसका अंतिम संस्कार रीति रिवाजों के साथ हुआ या नहीं? 
5. मृतका के बच्चे किसके संरक्षण में हैं और उसकी देखभाल कौन कर रहा है?  

साथ ही इस जनहित मामले में युवा एडवोकेट आशीष गिरी को बतौर “कोर्ट मित्र” नियुक्त करते हुए कोर्ट ने उन्हें जनहित याचिकाकर्ता के वकील के तौर पर सुनवाई में कोर्ट को सहायता देने का भी अनुरोध किया।

राज्य सरकार का जवाब- नहीं हुआ पोस्टमार्टम
दोपहर सवा दो बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर इस मामले की दोबारा सुनवाई हुई। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता सूर्यदेव यादव ने कोर्ट को बताया कि खबर कुछ हद तक सही है। मृतका कटिहार की रहने वाली थी और मानसिक रूप से बीमार थी। वह सूरत से अपनी बहन के साथ ट्रेन से बिहार लौट रही थी। यात्रा के दौरान ही उसकी मौत हो गई थी। इसकी खबर उसकी बहन और उसके पति ने मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद रेलवे अधिकारियों को दी। अफसरों ने प्राथमिक जांच के बाद शव को परिजन को सौंप दिया।  

इस संबंध में न कोई एफआईआर दर्ज हुआ और न ही कोई पोस्टमार्टम। मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने महिला के शव को कटिहार भेजने का पूरा इंतजाम किया। अनाथ बच्चे की सुरक्षित कस्टडी उसकी मौसी (मृतका के साथ आई उसकी बहन) को दी गई है।

तीन जून को अगली सुनवाई

कोर्ट ने राज्य सरकार को इस घटना का पूरा ब्यौरा व परिस्थितियों की जानकारी हलफनामा दायर कर अगली सुनवाई में देने का निर्देश दिया है साथ ही अनाथ बच्चे की भी अपडेट जानकारी मांगी है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 जून को होगी।

कंटेन्ट: अरविंद उज्जवल



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