काबुल आतंकी हमले में मांओं को खोने वाले नवजातों की मां बनी फिरोजा यूनिस, 20 बच्चों को करा रहीं ब्रेस्टफीडिंग


  • ट्विटर पर फिरोजा यूनिस की तस्वीरें वायरल हो रही हैं और उन्हें मानवता की मिसाल कहा जा रहा है
  • आतंकी हमले में अपनी मां को खोज चुकीं फिरोजा कहती हैं, आतंकी मानवता को तबाह कर रहे हैं

दैनिक भास्कर

May 15, 2020, 09:46 PM IST

काबुल. अपनी मां को आतंकी नरसंहार में खोने के बाद काबुल की फिरोजा यूनिस इस समय जो कर रही हैं वह काबिलेतारीफ है। वह 20 ऐसे नवजातों की मां बनकर स्तनपान करा रही हैं जिन्होंने अपनी मां को हालिया आतंकी हमले में खो दिया है। अफगानिस्तान के काबुल में मंगलवार को अतातुर्क मैटरनिटी हॉस्पिटल में हुए आतंकी हमले में 24 लोग मौत हुई है, इसमें 18 नवजात बच्चे भी थे। अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मरने वाले 24 लोगों में नवजात, उनकी मांए और नर्स थी।
आतंकी इंसानियत को भी तबाह कर रहे
फिरोजा 14 महीने के बच्चे की मां हैं और आर्थिक मंत्रालय में काम करती हैं। वह हॉस्पिटल में नवजातों को रिकवर करने मदद कर रही हैं। फिरोजा कहती हैं, आतंकी हमें और इंसानियत को तबाह करने में लगे हैं, जिसकी एक शिकार मैं भी हूं।  

साभार गैटी इमेजेस

आतंकी हमले की आपबीती सुनाई
फिरोजा कहती हैं कि मंगलवार की सुबह आतंकी पुलिस के भेष में मैटरनिटी हॉस्पिटल में घुसे। उनके हाथों में ग्रेनेड थी। पहले आतंकियों ने सुरक्षकर्मियों को निशाना बनाया और लोगों को। आतंकी हमले में मिले जख्म से खादिया नाम की महिला किसी तरह उबरी। उसने बताया, बच्चा कुछ ही घंटों पहले पैदा हुआ था उसे ठीक से गले भी नहीं लगाया था। आतंकी हमले के कारण बच्चे से दूर रहना पड़ा।

आतंकियों की दरिंदगी को दिखाती तस्वीर, फोटो साभार : एपी

सोशल मीडिया पर ‘हीरो’ का तमगा मिला

अस्पताल की हेड डॉक्टर जन्नत गुल का कहना है कि 20 बच्चों को अस्पताल से लाकर अलग रखा गया है। ट्विटर पर फिरोजा यूनिस की तस्वीरें वायरल हो रही हैं और मानवता की मिसाल कहा जा रहा है। कुछ यूजर्स इन्हें सच्चा हीरो बता रहे हैं। 

बच्चों को गोद लेने के लिए तैयार हुए लोग
इस घटना के बाद फिरोजा की तस्वीर वायरल होने पर लोग बच्चों को गोद लेने की बात कह रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी है जो आतंकी हमले में अपनों को खो चुके लोगों की मदद के लिए पहुंच रहे हैं। काबुल की अजीजा करमानी का कहना है कि मैं उन 20 बच्चों में से एक को अडॉप्ट करना चाहती हूं। या उस बच्चे को अपनाना चाहती हूं जिनके माता-पिता बुरी आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं।

अपनी मांओं को खो चुके बच्चों को अलग शिफ्ट किया गया।



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