17 साल बाद अपने पैतृक गांव मलडीहा आए थे सुशांत, अगले दिन अपने ननिहाल खगड़िया जाकर मुंडन भी कराया था
- 13 मई 2019 को पूर्णिया में अपने पैतृिक गांव जाकर कहा था- मौका मिला तो गांव के लिए जरूर कुछ करूंगा
- गांव वालों ने बताया कि सुशांत ने वादा किया था कि वह हमेशा गांव आते रहेंगे और लोगों से मिलते रहेंगे
दैनिक भास्कर
Jun 14, 2020, 05:55 PM IST
पूर्णिया. बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को मुंबई स्थित अपने फ्लैट में आत्महत्या कर ली। वे 13 मई 2019 को 17 साल बाद अपने पैतृक गांव पूर्णिया के मलडीहा पहुंचे थे। एक झलक पाने के लिए पूरा गांव उनके घर इकट्ठा हो गया था। सुशांत न सिर्फ सभी से शालीनता से मिले, बल्कि हर किसी के साथ बारी-बारी से फोटो भी खिंचवाई। गांव के अलावा आसपास के जिलों से भी लोग सुशांत से मिलने पहुंचे थे।
सुशांत ने कहा था- गांव के लिए जरूर कुछ करेंगे
गांव के लोग बताते हैं कि सुशांत ने हमसे वादा किया था कि मौका मिला तो गांव के लिए जरूर कुछ बड़ा काम करेंगे। उन्होंने सभी से यह आग्रह किया था कि गांव के युवाओं को आगे बढ़ाएं। वे हर कदम पर अपने साथियों का साथ देंगे। हमेशा गांव आते रहेंगे और लोगों से मिलेंगे। पूरा गांव सुशांत की मौत की खबर सुनकर स्तब्ध है। लोग बताते हैं कि सुशांत जिस तरह लोगों से मिले थे, ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह फिल्म स्टार बन चुके हैं। संस्कार बिल्कुल नहीं भूला और हमेशा जमीन से जुड़ा रहा।
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…लगा ही नहीं फिल्म स्टार के साथ हैं
सुशांत के गांव के रहने वाले सुनील ने बताया कि वे जब आए थे तो हमारे साथ खेत पर गए थे। हम लोगों ने दिनभर मस्ती की। ऐसा लगा ही नहीं कि हम चार-पांच घंटे इतने बड़े फिल्म स्टार के साथ हैं। सुशांत ने फिल्मी दुनिया में भले एक पहचान बना ली थी लेकिन, हमलोगों के साथ उनका व्यवहार बिल्कुल नहीं बदला।
धोनी पर बनी फिल्म सबसे अच्छी लगी
गांव के लोग बताते हैं कि उन्होंने सुशांत की सभी फिल्में देखी हैं। लेकिन, उन्हें सबसे ज्यादा मजा धोनी की बायोपिक पर बनी फिल्म में आया। सुशांत की एक रिश्तेदार ने बताया कि उसने वादा किया था कि हमेशा आकर मिलेगा…यह इंतजार अब कभी पूरा नहीं होगा। सुशांत की मौत की खबर सुनकर लगा हमने एक बेटा खो दिया।
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