विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना- चमगादड़ से ही फैला कोरोनावायरस, बिल्लियों में भी संक्रमण का खतरा


  • डब्ल्यूएचओ के पशुरोग विशेषज्ञ पीटर बेन ने कहा, कोरोना का ताल्लुक वायरस के ऐसे समूह से जिसका संक्रमण चमगादड़ से फैलता है

दैनिक भास्कर

May 08, 2020, 08:11 PM IST

जेनेवा. चमगादड़ से कोरोनावायरस फैलने की बात पर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी मुहर लगा दी है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोनावायरस चमगादड़ से फैला है और यह सामान्य बिल्ली और फेरेट (बिल्ली प्रजाति का जीव) को संक्रमित कर सकता है। हालांकि, अभी और रिसर्च की जानी है ताकि जानवरों से बीमारी के जुड़ाव के बारे में अधिक जानकारी सामने आ सके। इससे पहले कई रिसर्च में यह साबित भी हुआ है कि कोरोना चमगादड़ से फैला है और संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा बिल्लियों को है। 

चमगादड़ से इंसानों में संक्रमण फैलने की वजह आनी बाकी
डब्ल्यूएचओ के पशुरोग विशेषज्ञ पीटर बेन का कहना है कि नया कोरोना ऐसे वायरस के समूह से ताल्लुक रखता है जिसकी उत्पत्ति और संक्रमण दोनों चमगादड़ से होती है। लेकिन कोविड-19 चमगादड़ से इंसानों में कैसे फैला इस पर रिसर्च के नतीजे आने बाकी हैं। 

एक ही तरीके के संक्रमण नहीं फैला
पीटर बेन के मुताबिक, शायद किसी जानवर से संक्रमण इंसान के खाने में पहुंचा और इस तरह कोरोनावायरस फैला। बेन के मुताबिक, बिल्लियों को संक्रमण का खतरा ज्यादा है। कोरोना के पहले संक्रमण का मामला वुहान के पशु बाजार में देखा गया था लेकिन सभी लोगों में संक्रमण इसी तरीके से नहीं फैल सकता। बेन के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ इसकी पड़ताल पूरी करने में कुछ समय और लगाना चाहता है।

नए सिरे से रिसर्च की तैयारी
डब्ल्यूएचओ की महामारी विशेषज्ञ मारिया बेन का कहना है कि संस्थान के वैज्ञानिक चीन में नए सिरे से कोरोना पर रिसर्च करने के बारे में सोच रहे हैं। नई रिसर्च में कोरोनावायरस के जानवरों में पहुंचने की पड़ताल की जाएगी। पशुरोग विशेषज्ञ पीटर बेन का कहना है कि एशिया में पाए जाने वाले पैंगोलिन में भी नया कोरोनावायरस काफी संख्या पाया गया था ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे इंसानों में इस समय देखे जा रहे हैं।  

दुनियाभर के शोधकर्ताओं ने कई थ्योरी पेश की, लेकिन केंद्र में चमगादड़ बरकरार

  • एक्सपर्ट की राय : कनेक्शन तो है सिर्फ साबित होना बाकी

अमेरिका के ऑन्टेरियो वेटरनेरी कॉलेज के प्रोफेसर स्कॉट वीज जानवरों से फैलने वाली बीमारियों पर रिसर्च कर रहे हैं। प्रोफेसर स्कॉट के मुताबिक, कोरोनावायरस का चमगादड़ से कनेक्शन तो है लेकिन यह इंसानों तक पहुंचना कैसे अब तक सामने नहीं आ पाया है। चीनी वैज्ञानिकों ने भले ही पैंगोलिन से चमगादड़ और फिर चमगादड़ से इंसान में वायरस पहुंचने की बात कही हो, लेकिन यह बात पूरी तरह साबित नहीं हो पाई है।

  • चीनी वैज्ञानिकों का पक्ष : पैंगोलिन से चमगादड़ में पहुंचा वायरस

चीनी वैज्ञानिक अलग-अलग रिसर्च में कोरोनावायरस फैलने की वजह चमगादड़, सांप और पैंगोलिन को बता चुके हैं। चीन की साउथ चाइना एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कोरोनावायरस के लिए पैंगोलिन को जिम्मेदार ठहराया। शोधकर्ता शेन योंगी और जिओ लिहुआ के मुताबिक, वायरस पैंगोलिन से चमगादड़ और इससे इंसान में पहुंचा। इसे समझने के लिए 1 हजार जंगली जानवरों के सैम्पल लिए। मरीजों से लिए गए सैंपल में मौजूद कोनोरावायरस और पैंगोलिन का जीनोम सिक्वेंस (आनुवांशिक अनुक्रम) 99 फीसदी तक एक जैसा है।

  • माइक्रोबायोलॉजिस्ट का तर्क : यह कई तरह के वायरस का वाहक

टोरंटो हेल्थ साइंस सेंटर की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ समीरा मुबारेका कहती हैं, यह पहली बार नहीं है जब इंसानों में किसी बीमारी की वजह के रूप में चमगादड़ का नाम आया है। यह कई तरह के वायरस का वाहक है जो पहले भी साबित हो चुका है। चमगादड़ की कुछ प्रजातियां रेबीज और निपाह वायरस की भी वाहक रही हैं। जुलाई 2019 में कनाडा के वैंकूवर आइलैंड में रेबीज से 23 साल के एक व्यक्ति की मौत हुई। जांच में पुष्टि हुई कि रेबीज का वाहक चमगादड़ था।

कब-कब चमगादड़ से फैले वायरस

  • 2002 में चमगादड़ से फैले सार्स से दुनियाभर में 774 मौते हुईं। सार्स वायरस पहले चमगादड़ से बिल्ली और इससे इंसानों तक पहुंचा।
  • 2018 में केरल में निपाह वायरस का वाहक भारतीय फलभक्षी चमगादड़ था, इससे 17 मौतें हुई थीं।
  • इसके अलावा इबोला, रैबीज, हेंद्र और मारबर्ग वायरस के मामलों में भी वाहक चमगादड़ ही था।



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